एशिया के हम परिंदे , आसमा है हद हमारी ,
जानते है चाँद सूरज , जिद हमारी ज़द हमारी ,
हम वही जिसने समंदर की , लहर पर बाँध साधा ,
हम वही जिनके के लिए दिन , रात की उपजी न बाधा,
हम की जो धरती को माता , मान कर सम्मान देते ,
हम की वो जो चलने से पहले , मंजिले पहचान लेते ,
हम वही जो शून्य मैं भी , शून्य रचते हैं निरंतर ,
हम वही जो रौशनी रखते , है सबकी चौखटों पर ,
उन उजालो का वही , पैगाम ले ए है हम ,
हम है देसी हम है देसी हम है देसी ,
हा मगर हर देश छाए है हम ………
ज़िंदा रहने का असल अंदाज़ , सिखलाये है हमने ,
ज़िंदगी है ज़िंदगी के , बाद समझाया है हमने ,
हमने बतलाया की , कुदरत का असल अंदाज़ क्या है ,
रंग क्या है रूप क्या है , महक क्या है स्वाद क्या है ,
हमने दुनिया मोहबत , का असर ज़िंदा किया है ,
हमने नफरत को गले मिल , मिल के शर्मिंदा किया है ,
इन तरर्की के खुदाओं , ने तो घर को दर बनाया ,
इन पड़े खली मकानो , को हमी ने घर बनाया ,
हम न आते तो तरकी , इस कदर न बोल पति ,
हम न आते तो ये दुनिया , खिड़किया न खोल पति ,
है यसोदा के यह पर , देवकी जाये है हम ,
हम है देसी हम है देसी हम है देसी ,
हा मगर हर देश छाए है हम …………….
जानते है चाँद सूरज , जिद हमारी ज़द हमारी ,
हम वही जिसने समंदर की , लहर पर बाँध साधा ,
हम वही जिनके के लिए दिन , रात की उपजी न बाधा,
हम की जो धरती को माता , मान कर सम्मान देते ,
हम की वो जो चलने से पहले , मंजिले पहचान लेते ,
हम वही जो शून्य मैं भी , शून्य रचते हैं निरंतर ,
हम वही जो रौशनी रखते , है सबकी चौखटों पर ,
उन उजालो का वही , पैगाम ले ए है हम ,
हम है देसी हम है देसी हम है देसी ,
हा मगर हर देश छाए है हम ………
ज़िंदा रहने का असल अंदाज़ , सिखलाये है हमने ,
ज़िंदगी है ज़िंदगी के , बाद समझाया है हमने ,
हमने बतलाया की , कुदरत का असल अंदाज़ क्या है ,
रंग क्या है रूप क्या है , महक क्या है स्वाद क्या है ,
हमने दुनिया मोहबत , का असर ज़िंदा किया है ,
हमने नफरत को गले मिल , मिल के शर्मिंदा किया है ,
इन तरर्की के खुदाओं , ने तो घर को दर बनाया ,
इन पड़े खली मकानो , को हमी ने घर बनाया ,
हम न आते तो तरकी , इस कदर न बोल पति ,
हम न आते तो ये दुनिया , खिड़किया न खोल पति ,
है यसोदा के यह पर , देवकी जाये है हम ,
हम है देसी हम है देसी हम है देसी ,
हा मगर हर देश छाए है हम …………….
Yah jabardast geet hai bane rahiye kumar bhai
ReplyDeleteबहुत सुन्दर वाह क्या बात है भाई
ReplyDeleteAti sundar Kumar sir...👌
ReplyDeleteKya gajab ka varann kiya
ReplyDeleteYe ek sachcha desh bhakt hi likh sakata h mere bhai mere Hindustan ko meri maa Hindi ko Garv h ki mera dhiyan rakhne ke liye mere bete Abhi bhi meri godh m Ji rhe h unme se aap bhi ho kumar Ji
ReplyDeleteअद्भुत
ReplyDeleteGajab kumar ji
ReplyDeleteExcellent sir
ReplyDeleteदेश को समर्पित सर्व श्रेष्ठ कविता
ReplyDeleteइस देशी कविता ने सभी का दिल जीत लिया
ReplyDeleteSupar 👌👌
ReplyDeleteAysa sringar kiya hai ki bhash chmk uthi
ReplyDeleteअद्भुत,
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत पंक्तियाँ👌👌
जबरदस्त, आलौकिक पंक्तियाँ
ReplyDeleteदिल को छू लिया
ReplyDeleteMy favorite always
ReplyDeleteVa sir kya gajjb .......
ReplyDeleteसीधी दिल को लगी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लेख
ReplyDeleteकुमार विश्वास की मशहूर कविताएँ
अद्भुत कविता श्रीमान
ReplyDeleteSalute sir & हमें भारतीय होने पर गर्व है
ReplyDeleteजय हो गुरु
ReplyDeleteएक no. सर
ReplyDeleteNice sir ji 🙏🙏🙏
ReplyDeleteSuper se upr
ReplyDeleteबहुत ही मनमोहक गीत है।
ReplyDeleteChandni raat mein teri aankhon ki chamak,
ReplyDeleteTeri baaton mein hai koi khaas si jadugari.
Chand se zyada hai teri khubsurti,
Tu hai meri zindagi ka sabse pyara nazara.
Chand Shayari