Friday, May 13, 2016

वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता हैं

वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता हैं..

वो कोई गैर नहीं अपना ही रिश्तेदार होता हैं .....

किसी से अपने दिल की बात तू कहना न  भूले से.

यहाँ खत भी जरा सी देर में अखबार होता हैं...

Monday, May 9, 2016

बात करनी हैं, बात कौन करे ,

बात करनी हैं ,बात कौन करे ,
दर्द  से  दो  दो  हाथ  कौन करे.
हम  सितारे  तुम्हे  बुलाते  हैं,
चाँद  ना  हो  तो  रात  कौन  करे,

 
 हम  तुझे  रब  कहे  या  बूत  कहे ,
इश्क़  में  जात  पात  कौन  करे.
ज़िन्दगी  भर  की  कमाई  तुम हो,
इस  से  ज्यादा  जकात  कौन  करे ..

Saturday, May 7, 2016

हर एक पल मुसकरा कर अश्क पीना और मुश्किल हैं,

                            
                           
                                 गले को चाक करना किया, सीना और मुश्किल हैं ,

                                 हर एक पल मुसकरा कर अश्क पीना और मुश्किल हैं,

                                 हर पल याद आने वाले से दूर रहना और मुश्किल हैं ,

                                  हमारी तन्हाई ने हमे इतना सिखाया हैं किसी के

                                   इश्क़ में जीने से...... मरना और मुश्किल हैं............








Friday, May 6, 2016

"न पाने की ख़ुशी है कुछ, न खोने का ही कुछ ग़म है

"न पाने की ख़ुशी है कुछ, न खोने का ही कुछ ग़म है

ये दौलत और शोहरत सिर्फ कुछ ज़ख्मों का मरहम हैं 




  अजब सी कश्मकश है रोज़ जीने रोज़ मरने में

मुक़म्मल ज़िन्दगी तो है, मगर पूरी से कुछ कम है"

Thursday, May 5, 2016

तुम से कौन कहेगा आकर ?

तुम से कौन कहेगा आकर ?
कितनी रात ढलीं बिन चँदा ,
कितने दिन बिन सूरज बीते ,
कैसे तड़प-तड़प कर बिखरे ,
भरी आखँ में सपने रीते ,
कौन पिये और कैसे खाए ,
मन को जब जोगी भा जाए ,
तुम को कौन सिखाये भा कर ?









तुम से कौन कहेगा आकर....?
उन घावों कि अमर-कहानी ,
जिन के आखर पानी-पानी ,
उन यादों की आपबितायी ,
जिन की चुनर धानी-धानी ,
तुम को कहाँ मिलेगा अवसर ,
कुछ पल रोम-रोम में बस कर ,
हम सा कोई सुनाये गाकर ?
तुम से कौन कहेगा आकर....?

Wednesday, May 4, 2016

" बिछुड़ के तुम से रही खुद से भी पहचान नहीं,

तेरी आदत की सजा अब जीना भी आसान नहीं...!"


"हमारे वास्ते कोई दुआ मांगे, असर तो हो

"हमारे वास्ते कोई दुआ मांगे, असर तो हो 


हक़ीक़त में कहीं पर हो न हो आँखों में घर तो हो







तुम्हारे प्यार की बातें सुनाते हैं ज़माने को 

तुम्हें ख़बरों में रखते हैं मगर तुमको ख़बर तो हो..