HINDI KAVITA KOSH
Friday, May 13, 2016
वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता हैं
वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता हैं..
वो कोई गैर नहीं अपना ही रिश्तेदार होता हैं .....
किसी से अपने दिल की बात तू कहना न भूले से.
यहाँ खत भी जरा सी देर में अखबार होता हैं...
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